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    • व्यवहार न्यायालय, लातेहार

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    व्यवहार न्यायालय, लातेहार
    लातेहार को 4 अप्रैल 2001 को झारखंड सरकार की अधिसूचना संख्या 946 दिनांक 04.04.2001 के तहत उप-विभागीय दर्जा से बढ़ाकर जिला बना दिया गया था।

    लातेहार 1924 से उप-विभाग के रूप में पलामू जिले का एक हिस्सा था और पलामू जिले से लातेहार के अलग होने से पहले, सभी न्यायिक कार्यवाही की देखभाल डाल्टनगंज के न्यायाधीश द्वारा की जाती थी। डाल्टनगंज के सिविल कोर्ट के समानांतर लातेहार में तीन (03) सब डिविजनल अदालतें कार्यरत थीं, अर्थात्: (ए) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत, (बी) सब डिविजनल न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत और (सी) मुंसिफ की अदालत.

    लातेहार के सिविल कोर्ट की स्थापना 29 सितंबर, 2001 को तीन और अदालतों के उद्भव से हुई थी यानी जिला न्यायाधीश की अदालत, अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत और अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत और श्री मिश्री लाल चौधरी को पहले जिला और सत्र न्यायाधीश, लातेहार के रूप में नियुक्त किया गया था।

    लातेहार के न्यायाधीश को लातेहार के विभिन्न जिला एवं सत्र न्यायाधीशों और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों जैसे (1) श्री मिश्री लाल चौधरी (29.09.2001 से 28.02.2003), (2) श्री अमिताव कुमार के कुशल नेतृत्व में काम करने के लिए सम्मानित किया गया। गुप्ता (01.03.03[...]

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    माननीय मुख्य न्यायाधीश माननीय मुख्य न्यायाधीश ममीदन्ना सत्य रत्न श्री रामचंद्र राव
    माननीय श्री न्यायमूर्ति अम्बुज नाथ, झारखण्ड उच्च न्यायालय, राँची
    प्रशासनिक न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति श्री अम्बुज नाथ
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    प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मनोज कुमार सिंह

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